दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने, प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने, हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का, कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने!
"हम जीवन को प्यार करते हैं...इसलिए नहीं कि हम जीवन के साथ रहने के अभ्यस्त हैं बल्कि इसलिए कि हम इसे प्यार करते हैं।- Friedrich Nietzsche"
"एक महिला जिस पुरुष से प्यार करती है वह उसे इस तरह तरह जानती है, जैसे खुले सागर में नाविक आसमान को पहचानता है।- होनोरे डी बलाजेक"
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