एक महाशय की ससुराल गांव में थी |
एक बार वह ससुराल पहुचे और उन्होंने अपने साले साहब को एक बढिया किस्म की इत्र की शीशी भेंट में दी |
साले साहब ने इत्र अपनी हथेली पर डाला और चाट गए | बहनोई को बडा गुस्सा आया उन्होंने ससुर जी से शिकायत की |
इस पर ससुर जी बोले - बडा नालायक हैं | घर में रोटी थी तो रोटी में लगाकर खाता |
एक बार वह ससुराल पहुचे और उन्होंने अपने साले साहब को एक बढिया किस्म की इत्र की शीशी भेंट में दी |
साले साहब ने इत्र अपनी हथेली पर डाला और चाट गए | बहनोई को बडा गुस्सा आया उन्होंने ससुर जी से शिकायत की |
इस पर ससुर जी बोले - बडा नालायक हैं | घर में रोटी थी तो रोटी में लगाकर खाता |
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