आप सही वक्त पर आए..

गरीबों के हितैषी चंदा इकट्ठा कर रहे थे | 
चंदा मांगते -मांगते वे एक कवि के घर में पहुंच गए कवि से बोले - हम गरीबों के लिए चंदा एकत्र करके बजट बना रहे हैं |

कवि - यह बहुत ही अच्छा हुआ | इस समय में गरीबी में दिन काट रहा हूं , आप सही वक्त पर आए |

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