एक लडका घोडे पर बैठकर कुछ लिख रहा था उसके पिता ने पूछा - तुम यहां क्यों बैंठे हों ?
पुत्र - पिताजी ! कल मास्टरजी ने घोडे पर निबंध लिखने को कहा था , वही लिख रहा हूं |
पुत्र - पिताजी ! कल मास्टरजी ने घोडे पर निबंध लिखने को कहा था , वही लिख रहा हूं |
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