एक कंजूस सेठ जब मरने को हुआ..

एक कंजूस सेठ जब मरने को हुआ तो एक रिश्तेदार ने कहा- अब तो आप मर ही रहे हैं , जाते-जाते समाज के लिए कुछ दे जाइए |

सेठ - अब जान तो दे रहा हूं , इससे ज्यादा क्या चाहिए समाज को |

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