एक वकील ने अपना आफिस खोला | दुसरे ही दिन पहला मुवक्किल आता दिखाई दिया |
जैसे मुवक्किल घुसने लगा !
वकील टेलीफोन उठाकर -दो सैकेड ठहरो और बोला - देखो राय बहादुर तुम नाकु जी से कहो कि वह केस जीत गये है |
फिर आये हुए व्यक्ति की ओर देखकर बोला-जी जनाब फरमाइये मै आपकी क्या सेवा कर सकता हु |
वह हिचकिचाते हुए बोला -मेरी सेवा नहीं ?
मै तो खाली आपका टेलीफोन ठीक करने आया हुं |
जैसे मुवक्किल घुसने लगा !
वकील टेलीफोन उठाकर -दो सैकेड ठहरो और बोला - देखो राय बहादुर तुम नाकु जी से कहो कि वह केस जीत गये है |
फिर आये हुए व्यक्ति की ओर देखकर बोला-जी जनाब फरमाइये मै आपकी क्या सेवा कर सकता हु |
वह हिचकिचाते हुए बोला -मेरी सेवा नहीं ?
मै तो खाली आपका टेलीफोन ठीक करने आया हुं |
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